जम्बूद्वीप स्तुति
जम्बूद्वीप स्तुति -दोहा- परम ज्योति परमात्मा, सकल विमल चिद्रूप। जिनवर गणधर साधुगण, नमूँ नमूँ निजरूप।।१।। -शंभु छंद- जय जय सुमेरुगिरि के जिनगृह, सोलह शाश्वत हैं रत्नमयी। जय जय जिनमंदिर चारों ही, गजदंतगिरी के स्वर्णमयी।। जय जय जंबूतरु शाल्मलि के, दो जिनमंदिर महिमाशाली। जय जय वक्षारगिरी के भी, सोलह जिनगृह गरिमाशाली।।२।। जय जय चौंतिस विजयारध के,…