भजन
“…भजन…” -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती तर्ज-ऐ मालिक तेरे वंदे हम………. शरदपूनों का ये चांद है गणिनी श्री ज्ञानमति मात है। इनकी पूजा करें, इनकी भक्ति करें, दिखती ये ब्राह्मी सी मात हैं।।शरद पूनो…।।टेक.।। ज्ञान अमृत से ये तृप्त हैं। हम तो जग में ही संतप्त हैं।। इनको वंदन करें, ज्ञान के कण लहें, देंगी श्रुतज्ञान की…