मृत्युंजय स्तोत्र (तीर्थंकर आयु स्तोत्र)
मृत्युंजय स्तोत्र (तीर्थंकर आयु स्तोत्र) —शंभु छंद— तीर्थंकर प्रभु अंतिम नरायु, पाकर आयू का अंत करें। फिर काल अनंतानंतों तक, परमानंदामृत पान करें।। जो प्रभु की आयु नमें वे क्रम से, नर सुर की पूर्णायु धरें। छ्यासठ हजार त्रयशत छत्तिस, भव क्षुद्र सभी निर्मूल हरें।।१।। श्री आदिनाथ सुकुमार काल, है बीस लाख वर्ष पूरव। है…