तीर्थंकर समवसरण आदि रचना
तीर्थंकर समवसरण आदि रचना १. अनादिनिधन णमोकार महामंत्र २. णमोकार महामंत्र एवं चत्तारि मंगल पाठ ३. चौबीस तीर्थंकर इस अवसर्पिणी में हुए हैं ४. समवसरण का वर्णन ५. २४ तीर्थंकरों के समवसरण का प्रमाण ६. समवसरण में आठ भूमि और तीन कटनी ७. समवसरण में रचनाएँ (आदिपुराण आदि ग्रंथों से) ८. समवसरण में गंधकुटी का…