भगवान ऋषभदेव-समवसरण रचना
भगवान ऋषभदेव-समवसरण रचना -गणिनी ज्ञानमती -मंगलाचरण- प्रभो: ऋषभदेवस्य, समवादिसृतिर्भुवि। श्रीविहारोऽपि देवस्य, सर्वमंगलकारणम्।। भगवान ऋषभदेव ने पुरिमतालपुर के उद्यान में ध्यान के बल से जब घातिया कर्मों पर विजय प्राप्त कर ली तब उसी क्षण उन्हें केवलज्ञान प्रगट हो गया। तत्क्षण ही तीनों लोकों में आनंद की लहर छा गई। भगवान पृथ्वी से अधर आकाश में…