09.एकत्वाधिकार का वर्णन!
एकत्वाधिकार का वर्णन ।।चतुर्थ अधिकार।। (१) जो परमात्मा चैतन्यरूप आनंद स्वरूप कहा मुनि ने। जो नित्य और शाश्वत आत्मा है रहित क्रूधादिक कर्मों से।। ऐसा परमात्मा मुझे और सबको सुख शांति प्रदान करे। एकत्व अधिकार के वर्णन करने की भी शक्ति प्रदान करे।। (२) जो पुद्गल धर्म अधर्म और आकाश काल…