10.1 वीरभक्ति (पद्यानुवाद सहित)
वीरभक्ति (पद्यानुवाद सहित) श्रीगौतमस्वामी ने सर्वज्ञ की व्याख्या करते हुये महावीर स्वामी को नमस्कार किया है— यः सर्वाणि चराचराणि विधिवद्-द्रव्याणि तेषां गुणान्। पर्यायानपि भूतभाविभवतः, सर्वान् सदा सर्वदा। जानीते युगपत् प्रतिक्षणमत:, सर्वज्ञ इत्युच्यते। सर्वज्ञाय जिनेश्वराय महते, वीराय तस्मै नमः।।१।। जो विधिवत् सब लोक चराचर, द्रव्यों को उनके गुण को। भूत भविष्यत् वर्तमान, पर्यायों को भी नित…