12.5 समयसार में मुनियों को रत्नत्रय धारण करने की प्रेरणा
समयसार में मुनियों को रत्नत्रय धारण करने की प्रेरणा समयसार ग्रन्थ में आचार्य श्री कुन्दकुन्द देव ने मुख्यरूप से तो शुद्धात्म तत्त्व का ही वर्णन किया है किन्तु अनेक स्थानों पर मूल गाथाओं में उन्होंने ‘मुनी’ अथवा ‘साधु’ शब्द ग्रहण करके इस बात को प्रद्योतित किया है कि नग्न दिगम्बर मुनिराज ही व्यवहार क्रियाओं के…