तेरी पावन भूमि पर, हैं आयीं ज्ञानमती माता
तेरी पावन भूमि पर, हैं आयीं ज्ञानमती माता तर्ज-तेरे इश्क की दीवानगी सर पे चढ़के बोले……… तेरी पावन भूमि पर, हैं आयीं ज्ञानमती माता रज सर लगाती सर झुकाती, ज्ञानमती माता।। (१) राजा सिद्धारथ माता थी त्रिशला तीर्थंकर आये बनकर के लल्ला ढोल बजते हैं, गीत होते हैं इन्द्र-इन्द्राणी, नृत्य करते हैं शची इन्द्राणी…