घड़ियाँ सुहानी आई रे!
घडियाँ सुहानी आई रे….घड़ियाँ। श्री जिनवर का समवसरण, आज करूँ मैं अभिनंदन, बात यही मन भाई रे….। घड़ियाँ, घड़ियाँ………।।टेक.।। नहीं कल्पवृक्षों के फूल मेरे पास। हो ओ ओ…… केवल भक्ति सुमनों से पूजा करूँ नाथ।।हो ओ…….. स्वागत का भाव ले, वंदन का चाव ले, जनता उमड़ आई रे….घड़ियाँ।।१।। मणियों का दीप प्रभु लाऊँ मैं कहाँ…