तेरे दर्शन को मन करता है!
तेरे दर्शन को तर्ज—तुझसे मिलनको…… तेरे दर्शन को मन करता है-२ हे माता! तेरे……।।टेक.।। बालपन से तुम्हें धर्म भाता रहा। मोह का तुमसे कोई न नाता रहा।। तेरे चरणों मे सिर झुकता है-२।। माता……।।१।। ब्राह्मी और चन्दना की कथाएं सुनीं। तुमको संयोग से मिल गए फिर मुनी।। तुम सम बनने को मन करता…