तत्त्वार्थसूत्र भजन-दशवीं अध्याय!
भजन-१० दशवीं अध्याय हे वीतराग सर्वज्ञ देव! तुम हित उपदेशी कहलाते। तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण गाते।।टेक.।। तत्त्वार्थसूत्र का अपरनाम है, मोक्षशास्त्र माना जाता। इसकी दशवीं अध्याय के द्वारा, मोक्षतत्व जाना जाता।। सब कर्म नष्ट करके जिनवर ही, मोक्षधाम को हैं पाते। तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण…