पूज्य श्री ज्ञानमती स्तुति अष्टक!
पूज्य श्री ज्ञानमती स्तुति अष्टक (गीता छंद) (१) जो जैन आगम धर्म सिंधू, को मथ अमृत पिया, ज्ञान निर्झर को बहाकर, भव्य जन का हित किया। वे ज्ञान लक्ष्मी सुख प्रदाता, तीन जग में पूज्य हैं, है कोटि वंदन मात पद में, वे भवोदधि तीर हैं।। (२) हो शुद्ध योगी, बुद्ध योगी, ज्ञान योगी साधिका,…