[[श्रेणी:वीडियो_गैलरी]] {” class=”wikitable” width=”100%” “- ” {{#ev:youtube”Wg1oraLwjTY”300″center”तू कितनी अच्छी है}} “” {{#ev:youtube”sQ0zy8h12fs”300″center”ए तो सच है की भगवान है }} “”
मोक्षमार्ग में ‘नियति, प्रधान है कि पुरुषार्थ? बाबूलाल जैन १. ‘नियति. का प्रतिपादक : नियतिवाद गोम्मटसार कर्मकाण्ड में आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती ने चौदह गाथाओं (876-889) द्वारा तीन सौ तिरेसठ एकान्तमतों का संक्षिप्त निरूपण किया है । उसी प्रकरण के अन्तर्गत वे नियतिवाद नामक मान्यता का कथन इस प्रकार करते है “ जत्तु जदा जेण जहा…
कुन्दकुन्द स्वामी -एक प्राचीन महान आचार्य,जो विदेह्क्षेत्र में सीमंधर स्वामी के दर्शन करने गए,जिनके पांच नाम प्रसिद्ध हैं तथा जिन्होंने गिरनार यात्रा के समय दिगंबर -स्वेताम्बर विवाद के निराकरण हेतु पाषाण की अम्बिकादेवी को बुलवा दिया था
वर्षा ऋतु में आपका आहार कैसा हो ? वर्षा ऋतु में जठराग्नि (पाचन शक्ति) अत्यंत मंद पड़ जाती है और खाने की रूचि कम हो जाती है। अपन, वमन, अतिसार, हैजा, बरसाती फोड़े वगैरह होने का भय रहता है। इस मौसम में थोड़ी सी असावधानी से मलेरिया, सर्दी, खांसी, जुकाम वगैरह का भी भय रहता…