अहिच्छत्र जी तीरथ का, इतिहास पुराना है
अहिच्छत्र जी तीरथ का, इतिहास पुराना है तर्ज-जय जय माँ ज्ञानमती……….. अहिच्छत्र जी तीरथ का, इतिहास पुराना है। वहाँ पार्श्व जिनेश्वर का, अभिषेक कराना है।। जहाँ जैनी संस्कृति का, भण्डार भरा सचमुच। उपसर्ग की जो घटना, स्मरण कराती युग।। उस तीरथ की रजकण, मस्तक पे लगाना है। अहिच्छत्र……………………………।।१।। यह तीर्थक्षेत्र पावन, कण-कण…