सुकुमाल चरित्र!
सुकुमाल चरित्र – Sukumala Charitra. Name of a composition composed by Acharya Sakalkirti. आचार्य सकलकीर्ति (ई0 1406-1442) कृत संस्कृत पदबद्ध ग्रंथ ।
सुकुमाल चरित्र – Sukumala Charitra. Name of a composition composed by Acharya Sakalkirti. आचार्य सकलकीर्ति (ई0 1406-1442) कृत संस्कृत पदबद्ध ग्रंथ ।
सुंदरी – Sundari. The daughter of Lord Rishavhdev who was tought numeral study by the Lord. भगवान ऋषभदेव ने इन्हें अंक विद्या सिखायी थी । इन्होंने भगवान् ऋषभदेव के समवसरण में आर्यिका दीक्षा ली थी ।
सिद्धार्था – Siddhartha. Mother’s name of Lord Abhinandannath, A super auspicious power. तीर्थंकरर अभिनंदनाथ की माता, एक विद्या; यह कल्याणरूप तथा मंत्रों से परिष्कृत विद्याबलों से युक्त लोगों का हित करने वाली है।
सीमंकर – Simamkara. Name of the 5th Kulkar (ethical founder), Name of the 62nd planet among all 88. पांचवें कुलकर, चौथे क्षेमंकर कुलकर के पुत्र, इन्होंने प्रजा के लिए कल्पवृक्षों की सीमा निर्धारित की थी जिससे ये इस नाम से प्रसिद्ध हुए । 88 ग्रहो में 62 वां ग्रह ।
सुधर्मसेन – Sudharmasena. Name of a spiritual saint, the disciple of saint Dharsena. पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार धरसेन के शिष्य तथा सिंहसेन के गुरू ।
सुकुमाल चरिउ – Sukumaala Chariu. Name of a book written by Shridhar-3 in Apabhransh language. श्रीधर -3 (ई0 1151) द्वारा अपभ्रंष भाषाबद्ध ग्रन्थ ।
सुधमाचार्य – Sudhamachaarya. Name of a grat Acharya (omniscient) after Lord Mahavira. श्रुतावतार की पटटावली के अनुसार भगवान महावीर के पश्चात् तीन अनुबद्ध केवलियों में दूसरे अनुबद्ध केवली, जिस दिन गौतम स्वामी को मोक्ष प्राप्त हुआ था उसी दिन सुधर्माचार्य को केवलज्ञान प्राप्त हुा था । इनका अपरनाम लोहार्य था । समय- ई0 पू0 515-503…
सुगंधा – Sugandha. Name of a region situated at western Videh (region). अपने विदेहस्थ एक क्षेत्र । अपरनाम वल्गु ।
मायागता चूलिका– Mayagta chulika. A kind of scriptiual knowledge (describing incantation & ). श्रुतज्ञान; दृष्टिवाद के 5वे भेद रूप 5 चूलिकाओ में एक जो इन्द्रजाल आदि के कारणभूत मन्त्र और तपश्चरण का वर्णन करती है”
माप (कर्मप्रक्रर्ती)– Maap (Karma Prakrti). A kind of karmic nature related to right conduction delusion. चारित्र मोहनीय कर्मकी 21 कर्म प्रकृतियो में एक प्रकृति”