मार्जारसम!
मार्जारसम–Maarjarasam. A type of bad listeners (to be unaffected). श्रोता के 14 भेदो में एक भेद; जो श्रोता बहुत प्रकार से समझाने पर भी बिलाव की तरह अपनी क्रूरता को भी ना छोड़े”
मार्जारसम–Maarjarasam. A type of bad listeners (to be unaffected). श्रोता के 14 भेदो में एक भेद; जो श्रोता बहुत प्रकार से समझाने पर भी बिलाव की तरह अपनी क्रूरता को भी ना छोड़े”
सामायिक चारित्र- Samayika charitra. Conduct of equanimity (One of the five conducts of saints). चारित्र के 5 भेदों में एक भेद । सर्व सावद्य सेवा योग से निवृत होना और सदा समता भाव रखना सामायिक चारित्र हेै। यह छठे से नौवें गुण स्थान तक होता है।
मिथ्यात्व प्रकृति (कर्म)– Mithyatv Prakrati (Karma). Karmic nature causing false faith. अतत्व श्रद्दान उत्पन्न करने वाला कर्म, यह दर्शन मोहनिय कर्म की एक प्रकृति है”
मिथ्या कांत– Mithya Ekant. False viewism, partial exposition. अनेक धर्मात्मक वस्तु के किसी एक ही धर्म का कथन करके शेष सभी धर्मो का निषेध करना”
मालारोहण– Maalarohan. An obstacle in food and hermitage of a saint (reg. use of wood ladder). आहार एवं वसतिका का एक दोष लकड़ी की बनी हुई सीढ़ी से ऊपर चढ़कर वहा राखी हुई सामग्री लाकर साधू को आहार में देना
सामान्य संग्रह नय – Samanya Sangraha Naya A Standpoint related to general truth in all the matters.. जो सत् सामान्य की अपेक्षा से सर्व पदार्थो को एकरूप ग्रहण करे । जैसे सर्व द्रव्य सत् है।
साहसी – Sahasi. Courageous, bold, brave. आगे आने वाले कष्टों को विचारे बिना ही जो सहसा किसी भी कार्य को करने के लिए प्रवृत्त हो उसको साहसी कहते है।
मिथ्यादृष्टी–Mithyadrashti. Wrong believer, Wrong faithed. जिन उपदिष्ट प्रवचन का षड्धन नहीं करने वाला” अर्थात् प्रथम गुणस्थानवर्ती जीव, जो मिथ्यादर्शन सहित है”
मिथ्याज्ञान– Mithyagyan. Wrong knowledge. मिथ्यादर्शन के उदय से उत्पन्न होने वाले तीन प्रकार का अज्ञान” (कुमति, कुश्रुत, कुअवधि)”