श्रम :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रम : == इह लोगणिरावेक्खो, अप्पडिबद्धो परम्मि लोयम्हि। जुत्ताहार—विहारो, रहिदकसाओ हवे समणो।। —प्रवचनसार : ३-२६ जो कषायरहित है, इस लोक में निरपेक्ष है, परलोक में भी अप्रतिबद्ध (अनासक्त) है और विवेकपूर्वक आहार–विहार की चर्या रखता है, वही सच्चा श्रमण है। आगमहीणो समणो णेवप्पाणं परं वियाणादि। —प्रवचनसार : ३-३०…