यदु!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदु–Yadu. Name of a king of Hari dynasty who established Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का संस्थापक हरिदंशी एक राजा”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदु–Yadu. Name of a king of Hari dynasty who established Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का संस्थापक हरिदंशी एक राजा”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथालब्ध–Yathalabdh. Whatever available (an adjective word). जो भी उपलब्ध हो (यह एक विशेषण रूप शब्द है जो व्यापार, ज्ञान आदि में जितना उपलब्ध हो उसमें संतोष करना रूप से घटित होता है” यह साधुओ के आहार संबंधी विषय में भी घटित होता है”)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयम रक्षा – Sanyama Rakshaa. Strictly observing of restraints by Jaina saints. जैन साधु-संत द्वारा अपने संयम की रक्षा करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमभाव – Sanyamabhaava. Restraintful temperament. उपशम भाव से धारण किये गये व्रतादि संयम भाव को प्राप्त हो जाते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथानुपूर्व–Yathanupurv. A synonym word of Shrutgyan (scriptural knowledge). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमचरण चारित्र – Sanyamacarana Caritra. Restraintful pure conduct of saints. चारित्र के 4 भेदों में एक भेद, सकल चारित्र ” मुनियों के व्रत को सकल चारित्र कहते है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथातथानुपूर्वी–Yathatathanupurvi. See – Yatrattranupurvi. देखें –यत्रतत्रानुपूर्वी”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाजातरूपधर–Yathajaatrupadhar. One having natural form without any worldly attachment. व्यवहार से नगन्पने एवं निश्चय से जो आत्मा का स्वरुप है उसे जोधारणकरता है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाजात–Yathajaat. Naked form, Natural form. अंतरंग में वीतरागता एवं बह्मा में निष्परिग्रही बालकवत निर्विकार नग्न रूप”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद श्रोता–Yathachchhand Shrota. Self–willed type of listener. श्रोता का एक प्रकार” स्वच्छंद प्रवत्ति करने वाला श्रोता जिसे विद्या देना संसार व भय को ही बढ़ाना है”