श्रुतधर आम्नाय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुततीर्थ – Shrutateertha. An auspicious event (Veer Shashan Jayanti) related to the first resonant preaching of Lord Mahaveera. श्रावण कृष्ण प्रतिपदा (वीर शासन जयंती) को श्रुततीर्थ दिवस कहते है क्योंकि इसी दिन सुबह अभिजित नक्षत्र में तीर्थ (वीर शासन) की उत्पत्ति हुई थी ” अर्थात् राजगृही के विपुलाचल पर्वत पर भगवान महावीर की प्रथम…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतग्रंथकृति – Shrutagranthakriti. The treatises with appropriate meanings. शब्द संदर्भ रूप अक्षरकाव्यों द्वारा प्रतिपाद्य अर्थ को विषय करने वाली जो ग्रंथरचना की जाती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतज्ञानी – Shrutgyaani. One well versed in scriptual knowledge. वस्तुस्वरुप को जानने वाला; श्रुतज्ञान अर्थात् शास्त्रज्ञान में पारंगत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतज्ञानावरण – Shrutgyaanaavarana. Karmas obscuring the Shrutgyaana (scriptual knowledge). ज्ञानावरण कर्म का एक भेद; जो कर्म श्रुतज्ञान को आवरण करे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतज्ञान – Shrutagyaana. The sensory cognitive knowledge, Scriptural knowledge. इन्द्रियों द्वारा विवक्षित पदार्थ को ग्रहण करके उससे सम्बन्धित अन्य पदार्थ को जानना ” अथवा मतिज्ञान से जाने हुए पदार्थ के अवलम्बन से तत्संबंधी दूसरे पदार्थ का जो ज्ञान होता है उसे श्रुतज्ञान कहते है ” इससे अक्षरात्मक व अनक्षरात्मक दो भेद है ” अक्षरात्मक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतगुरु – Shrutaguru. Spiritual preceptor. जो प्रायश्चित देकर संवेग व वैराग्य जनक परमागम के वचनों द्वारा साधु का संवरण करते है वो निर्यापक है ” उन्हें ही शिक्षा गुरु या श्रुत गुरु भी कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतकीर्ति – Shrutakeerti. Name of a two different saints of Nandi group. नंदिसंघ बलात्कार गण त्रिभुवन कीर्ति के शिष्य जिन्होंने अनेक ग्रंथो की रचना की ” नंदिसंघ देशीयगण, माघनंदि कोल्हापुरीय के शिष्य एक महावादी ” कृति-काव्य राघव पाण्डवीय (समय- ई. 1133-1163) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुत – Shruta. The scriptural knowledge, Something listened. द्वादशांग, सुना हुआ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीसंप्रदाय – Shreesampradaaya. The first sect of Vaishnava philosophy of all 4. वैष्णव दर्शन के 4 सम्प्रदायों में प्रथम संप्रदाय ” इस संप्रदाय में विशिष्टाद्वैतवादी है जो रामानंदी भी कहलाते है “