जैन काव्य कथाएँ (भाग-१)
भारतभूमि पर निवास करने वाले प्रत्येक मानव के लिए यथार्थ के निकट पहुँचने में अत्यंत सहायक होता है , इस श्रंखला में अनेक नाटकों ने समय-समय पर मानव जीवन को उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | उस क्रम में प्रसंगोपात्त विषय को क्षण मात्र में प्रस्तुत करने वाली प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न श्री चंदनामती माताजी ने अनेक काव्यमय कथाओं का लेखन किया है जिसका संग्रह इस पुस्तक में किया गया है |
इस जैन काव्य कथाएं पुस्तक में भगवान ऋषभदेव , भगवान पार्श्वनाथ ,भगवान महावीर , चा. च. आचार्य श्री शांतिसागर महाराज , आचार्य श्री वीरसागर महाराज , पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का जीवनवृत्त , मोक्षसप्तमी का महत्त्व , बाहुबली वैराग्य आदि कई एक कथानकों का वर्णन है जिसके माध्यम से मंचन करने वाले एवं देखने वाले प्राणियों को मनोरंजन , पुण्यवर्धन के साथ-साथ विशेष ज्ञानवर्धन भी होगा और जीवन निर्माण की प्रेरणा मिलेगी |