नवरात्रि आदि ४ व्रत विधि
जैनधर्म में व्रत करने की परम्परा अनादि है | अनेक शास्त्र – पुराणों में इन व्रतों का वर्णन है और जिनने इन व्रतों को किया उसके जीवन में अनेक चमत्कार घटित हुए हैं | व्रतों की उसी श्रंखला में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने शास्त्रों के आधार से अनेक व्रतों का वर्णन किया है , इस पुस्तक में चार व्रतों का वर्णन है १. नवरात्रि व्रत , नव देवता व्रत , चारित्रमाला व्रत, और शारदा व्रत , इन सभी व्रतों का वर्णन मराठी व्रत कथा संग्रह में है जिसकी अचिन्त्य महिमा है जिसे करके आप सभी अपने मानव जीवन को सफल करें यही पवित्र भावना है |