कर्मयोगी
कर्मयोगी मनुष्य जीवन कर्मों के चक्र से जुड़ा है। यदि पूर्व जन्म के कर्म अच्छे नहीं रहे हों तो उनका फल भी इसी जन्म में भोगना पड़ता है। हमारी पूरी पृष्ठभूमि उन्हीं कर्मों के आधार पर निर्धारित होती है। इसे प्रारब्ध की संज्ञा मिली है। कर्मफल की दूसरी श्रेणी संचित कर्मों की है। इसमें पूर्व…