षट्खण्डागम:13
षट्खण्डागम:
शिक्षास्पद कहानियाँ (भाग-2) छोटी माताजी के विख्यात पूज्य आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने इस पुस्तक में सप्त व्यसनों से होने वाली हानियों के बारे में छोटी – छोटी वार्ता के माध्यम से बताया है | वस्तुतः ये व्यसन किसीभी प्रकार हितकर नहीं हैं अपितु उसी प्रकार हैं जिस प्रकार भयंकर खुजली के होने पर व्यक्ति…
श्री धर्मचक्र विधान प्रस्तुत धर्मचक्र विधान परम पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की लघु भगिनी परम पूज्य चारित्रश्रमणी आर्यिका श्री अभयमती माताजी द्वारा लिखित एक अलौकिक कृति है | इस विधान में भगवान में समवसरण आदि का वर्णन है , समवसरण में धर्मचक्र सर्वाण्ह यक्ष के शिर पर सुशोभित रहता है | यह धर्मचक्र तीर्थंकर…
जीवन को मनोनुकूल बनाएं संसार में आपका नाना प्रकार के लोगों से पाला पड़ता है। एक कमरे में केवल एक सहयोगी के साथ बैठकर काम करना पड़े तो समस्याओं से निपटना आसान होता है, लेकिन सैकड़ों कर्मचारियों के साथ काम करने की स्थिति में आपको कई विचित्र अनुभव मिलेंगे। यदि आप चाहते हैं कि सभी…