16. मंदर मेरु पूजा
(पूजा नं. 14) मंदर मेरु पूजा स्थापना (नरेन्द्र छंद) पुष्करार्ध वर द्वीप पूर्व में, मंदर मेरू सोहे। उसके सोलह जिनमंदिर में, जिनप्रतिमा मन मोहे।। भक्तिभाव से आह्वानन कर, पूजा पाठ रचाऊँ। भव-भव के संताप नाश कर, स्वातम सुख को पाऊँ।।१।। ॐ ह्रीं पूर्वपुष्करार्धद्वीपस्थमंदरमेरुसंबंधिषोडशजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …