नारायण श्री कृष्ण
जैन वांग्मय ४ अनुयोगों में निबद्ध है इनमें से प्रथमानुयोग में त्रेसठ शलाका पुरुषों का जीवनवृत्त वर्णित है | उन त्रेसठ शलाका पुरुषों में नौ नारायण भी हुए हैं जिनमें से एक नारायण श्रीकृष्ण हैं जो भगवान नेमिनाथ के काल में हुए हैं |
वैदिक संस्कृति से प्रभावित सीरियल, कथानक, टी. वी. आदि के माध्यम से बताया गया उनका जीवनवृत्त जैन ग्रन्थानुसार अलग है जिसे पुराणों से निकालकर अत्यन्त रोचक एवं सरल भाषा शैली में ”नारायण श्रीकृष्ण” नामक इस कृति में परम पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न श्री चंदनामती माताजी ने निबद्ध किया है | इस रोचक एवं हृदयस्पर्शी कथानक के द्वारा नारायण श्रीकृष्ण के वास्तविक जीवन से परिचित होकर सभी को अपने सम्यग्दर्शन को दृढ करना चाहिए |