सद् बुद्धि
सद् बुद्धि धरती पर जितने भी प्राणी हैं उनको दो रूपों में बांटा जा सकता है। एक वे जिनके लिए विचारपूर्वक कर्म संभव है और दूसरे वे जिनके लिए विचारहीन भोग का ही महत्व है। मनुष्य प्रथम प्रकार की श्रेणी में आता है। वहीं मनुष्य से इतर प्राणी दूसरी श्रेणी के अंतर्गत रखे जा सकते…