06. जंबूद्वीपस्थ जंबूवृक्ष-शाल्मलिवृक्ष जिनमंदिर पूजा
(पूजा नं. 4) जंबूद्वीपस्थ जंबूवृक्ष-शाल्मलिवृक्ष जिनमंदिर पूजा -स्थापना (गीता छंद) गिरि मेरु के उत्तर दिशी, उत्तर कुरू शोभे अहा। उसमें सुदिक् ईशान के, जंबूतरू राजे महा।। दक्षिण दिशा में देवकुरु, नैऋत्य कोण सुहावनी। तरु शाल्मलि शुभरत्नमय, सुन्दर दिखे शाखा घनी।।१।। -दोहा- दोनों तरु की शाख पर, दो श्रीजिनवरगेह। आह्वानन कर मैं जजूँ, सदा हृदय धर…