भजन
भजन (भगवान ऋषभदेव की दीक्षा के समय का गीत) तर्ज-दिल के अरमां………….. प्रभु जी सिद्धिकांता वरने चल दिये। संग में चार हजार राजा चल दिये।।प्रभु जी.।। सारी धरती पर प्रभू का राज्य था। किन्तु प्रभु को हो गया वैराग्य था।। तज के सब संसार, वे तो चल दिये। संग में चार हजार राजा चल दिये।।१।।…