समाधि :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == समाधि : == जो झायइ अप्पाणं, परमसमाही हवे तस्स। —नियमसार : १२३ जो अपनी आत्मा का ध्यान करता है, उसे परम समाधि की प्राप्ति होती है। य इन्द्रियाणां विषया मनोज्ञा:, न तेषु भावं निसृजेत् कदापि। न चामनोज्ञेषु मनोऽपि कुर्यात , समाधिकाम: श्रमणस्तपस्वी।। —समणसुत्त : ४९२ समाधि की कामना…