04. अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर
अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर पंचकल्याणक वैभव-जब अच्युतेन्द्र की आयु छह मास बाकी रह गई तब इस भरत क्षेत्र के विदेह नामक देश में कुंडलपुर नगर के राजा सिद्धार्थ के भवन के आँगन में प्रतिदिन साढ़े सात करोड़ प्रमाण रत्नों की धारा बरसने लगी। आषाढ़ शुक्ला षष्ठी के दिन रात्रि के पिछले प्रहर में रानी प्रियकारिणी...