भगवान सुमतिनाथ के शासनयक्ष पुरुषदत्ता माता की आरती तर्ज – मिलो न तुम तो ..सुमन ……………………… मात पुरुषदत्ता को ध्याएं , जगमग दीप जलाएं , हृदय में ज्योति जगाएं || टेक ० || सुमतिनाथ के शासन की , यक्षिणी कहातीं माता प्यारी हैं | |हो……….|| जिसने है ध्याया उसके , जीवन में फैली उजियारी है…
बारह चक्रवर्त्ती भरत, सगर, मघवा, सनत्कुमार, शान्ति, कुंथु, अर, सुभौम, महापद्म, हरिषेण, जयसेन और ब्रह्मदत्त क्रम से ये बारह चक्रवर्ती सब तीर्थंकरों की प्रत्यक्ष एवं परोक्ष वन्दना में आसक्त और अत्यन्त गाढ़ भक्ति से परिपूर्ण थे। भरत चक्रवर्ती ऋषभेश्वर के समक्ष, सगरचक्री अजितेश्वर के समक्ष तथा मघवा और सनत्कुमार ये दो चक्री धर्मनाथ और…
Param Pujya Ganini Shri Gyanmati Mataji A pronounced Jain Sadhvi, the first in the recent century, Pujya Ganini Gyanmati Mataji has two doctorates in literature. An distinguished interpreter of The Shatkhandagam(the great holy book of jainism) Mataji is a dignified sadhvi of the contemporary world. She was born on 22nd October, 1934 on Sharad Purnima…