रामगिरि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामगिरि – मेघदूत की अपेक्षा अमरकंटक पर्वत व नेमिचरित की अपेक्षा गिरनार पर्वत। Ramagiri-name of Amarkantak mountain (According to megndoot) & Girnar mountain (according to nemicharit)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामगिरि – मेघदूत की अपेक्षा अमरकंटक पर्वत व नेमिचरित की अपेक्षा गिरनार पर्वत। Ramagiri-name of Amarkantak mountain (According to megndoot) & Girnar mountain (according to nemicharit)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकीतिै – नंदिसंघ के उज्जयनी गदद्ी के भटट्ारक का नाम। समय वि 857 Ramakirti-name of a Bhattarak of nandi group
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकथा – आचार्य कीर्तिधर द्वारा विरचित जैन रामायण।इसके आधार पर रविशेणाचार्य ने पùपुराण व स्वंयभु कवि ने पउमचरिउ लिखे है। Ramakatha-A religious book (Jaina Ramayan) written by Acharya Kirtidhar
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राध – परद्रव्य के परिहार से षुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन राध कहलाता है।आराधना प्रसन्नता पूर्णता सिद्धि साधित आराधिन सेसिद्धि आदि राध के ही पर्यावाची नाम है। Radha-Pertaining to attainment of spiritual power
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रात्रियोग – साधुओं का एक कृति कर्म। सायंकालीन प्रतिक्रमण के पष्चात योग भक्तिपूर्वक जैन साधु रात्रियोग धारण करते है।प्रात कालीन सामायिक से पूर्व योग भक्तिपूर्वक ही उसका निश्ठापान करते हैं। Ratriyoga-Meditation activities to be observed by saints during night hours (an austerity)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वानप्रस्थ आश्रम – Vanprastha Asrama. The third progressive spiritual stage of mundane life. धर्म क्रियाओं के भेद से ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ. संन्यास इन चार आश्रमों में तीसरा भेद ” देखें- वाणप्रस्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदृश उत्पाद – Sadrsha Utpaada. Unchangeable properties of any matter (even in any kind of production). जैसे परिणमन करती हुई अग्नि उष्ण की उष्ण ही रहती है यह सदृश उत्पाद है ” और आम का फल हरितवर्ण से पीतवर्ण रूप हो जाता है यह असदृश उत्पाद है ” अथवा जीव का ज्ञानरूप परिणाम परिणमन…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदृश – Sadrsha. Similar, The same, One of the 88 planets. समान, एक जाति के, 88 ग्रहों में 32 वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदासुखदास – Sadaasukhadaasa. Name of a writer (a Pandit), who has written commentary of many great Jaina books. जयपुर निवासी एक पंडित ” भगवती आराधना की भाषा वचनिका, समयसार नाटक टीका, तत्त्वार्थ सूत्र की लघु टीका, रत्नकरण्ड श्रावकाचार की टीका, अकलंक स्तोत्र, मृत्यु महोत्सव संस्कृत टीका आदि के कर्ता ” समय- 1795-1866 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदार्चन – Sadaarcana. Regular worshipping. पूजा के 4 भेदों में एक भेद ” अपरनाम नित्यमह है, प्रतिदिन की जाने वाली पूजन “