सदवस्था रूप उपशम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदर चउक – Sadara Chauka. Quartet of particular 4 types of Karmic nature (Tiryanch Gati, Tiryanchgatyanupurvi, Tiryanch Ayu, Udyot). तिर्यंचगति, तिर्यंचगत्यानुपूर्वी, तिर्यंचायु और उद्योत इन 4 कर्म प्रकृतियों को सदर चउक कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्संगति – Satsangati. Company of noble persons. सज्जन पुरुषों की संगति ” मनुष्य सज्जन के सहवास से सज्जन एवं दुर्जन के सहवास से दुष्ट बनता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्वापसरण – Satvaapasarana. Regression of Karmic nature. कर्म प्रकृतियों का सत्ता में घटना या अपसरण होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्त्व त्रिभंगी – Sattva Tribhangee. Name of a treatise written by Acharya Kanaknandi. आचार्य कनकनंदि (ई. 339) कृत 50 गाथा प्रमाण कर्म विषयक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्त्व – Sattva. Earth, Water, Fire & Air are called Sattva. पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु- इन चार को सत्त्व कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यशासनपरीक्षा – Satyashaasanaparikshaa. Name of a treatise written by Acharya Vidyanandi. आचार्य विद्यानंदि (ई. 775-840) द्वारा रचित संस्कृत भाषा बद्ध न्यायविषयक ग्रंथ ” इसमें न्याय पूर्वक जिनशासन की स्थापना की गयी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्य महाव्रत – Satya Mahaavrata. Great vow of true speech (right speaking according to text). राग द्वेष या मोह से प्रेरित जैन साधुओं द्वारा सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग करना और आगम के अनुरूप बोलना सत्य महाव्रत है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यवचन योग – Satyavacana Yoga. Vibration in soul points caused by true speech. सत्य वचन के 4 भेदों में एक भेद ” सत्य वचन की प्रवृत्ति से आत्मा के प्रदेशों का सकम्प होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमित्र – Satyamitra. Name of the 41st chief disciple of Lord Risabhdev. भगवान ऋषभदेव के 41वें गणधर “