सत्पुरुष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पुरुष – Satpurusha. Noble persons, A type of peripatetic deities. महापुरुष, किम्पुरुष जाति के व्यंतर देवों के 10 भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पुरुष – Satpurusha. Noble persons, A type of peripatetic deities. महापुरुष, किम्पुरुष जाति के व्यंतर देवों के 10 भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पात्र – Satpaatra. Reverential persons (perfect to get donation). जिनको दान दिया जाता है, ऐसे सत्पात्र, कुपात्र, अपात्र रूप तीन पात्रों में से एक ” सत्पात्र के तीन भेद हैं- 1. उत्तम सत्पात्र- नग्न दिगम्बर साधु, 2. मध्यम सत्पात्र- आर्यिका, क्षुल्लक, ऐलक तथा प्रतिमाधारी श्रावक, 3. जघन्य सत्पात्र- व्रत रहित सम्यग्दृष्टि श्रावक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्परिणाम – Satparinaama. Auspicious temperaments or involvement. द्रव्य का परिणमन ” शुभ उपयोग रूप जीव का परिणाम अर्थात् भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्ता ग्राहक शुद्ध द्रव्यार्थिक नय – Sattaa Graahaka Shuddha Dravyaarthika Naya. A standpoint emphasizing to the existence of matters. जो नय उत्पाद और व्यय को गौण करके मुख्य रूप से केवल सत्ता को ग्रहण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय – Satta-Gauna Utpaada-Vyaya Graahaka Naya. A standpoint emphasizing the property of production & destruction of matterds reather than their permanence. पदार्थ में विद्यमान गुणों की अपेक्षा को मुख्य न करके उत्पाद व्यय ध्रौव्य के आधीनपनें रूप से द्रव्य को विनाश व उत्पत्ति स्वरुप माननेवाला सत्तानिरपेक्ष या सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्ता – Sattaa. See- Sat. देखें- सत् ” अस्तित्व को सत्ता कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्क्रिया – Satkriyaa. Right observances, Virtuous activities. शुभ परिणाम रूप कार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कार पुरस्कार परीषह – Satkaara Puraskaara Parishaha. Affliction of dishonour to a saint. 22 परिषहों में एक परिषह ” सत्कार का अर्थ पूजा-प्रशंसा है तथा पुरूस्कार का अर्थ निमंत्रण है ” चिरकाल से दीक्षित होते हुए भी आदर-सत्कार, प्रशंसा, आमंत्रण आदि न मिलने पर जो साधू मन को कलुषित नहीं होने देता और समतापूर्वक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कार – Satkaara. Respect, Reverence, Honour, Reception. आदर, सम्मान, विनय, पूजा-प्रशंसा “