सकल-जिन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल-जिन – Sakala-Jina. The supreme one, destroyer of all 4 karmas. जो घातिया कर्मों का क्षय कर चुके हैं, ऐसे सशरीरी सकल परमात्मा अर्थात् अरिहंत भगवान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल-जिन – Sakala-Jina. The supreme one, destroyer of all 4 karmas. जो घातिया कर्मों का क्षय कर चुके हैं, ऐसे सशरीरी सकल परमात्मा अर्थात् अरिहंत भगवान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलकीर्ति – Sakalakeerti. The disciple of saint Padmanandi-9 of Nandi group who was the writer of many great treatises. नंदिसंघ बलात्कार गण की ईडर गद्दी पर यह पद्मनंदि नं. 9 के शिष्य तथा भुवनकीर्ति के गुरु थे ” मूलाचार प्रदीप, प्रश्नोत्तर श्रावकाचार, तत्त्वार्थसार सुकुमाल-धन्यकुमार चरित्र आदि अनेक कृतियों के रचयिता ” समय ई. 1422-1442…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल – Sakala. The whole, complete, entire, With body. पूर्ण, सर्व, शरीर सहित “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संहार – Sanhaara. Drawing together or contraction of soul points, Destruction. संकोच; जीव के प्रदेशों का शरीर के अनुसार संकुचित होना ” नाश, ध्वंस “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संहनन नामकर्म – Sanhanana Naamakarma. Physique making Karmic nature causing joints of bones in the body (of 6 kinds- strong, weak etc.). जिस कर्म के उदय से हड्डियों का बंधन विशेष होता है ” वज्रऋषभनाराच, वज्रनाराच, नाराच, अर्धनाराच, कीलक और असंप्राप्तसृपाटिका ये संहनन के 6 भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संहनन – Sanhanana. Strength of bodily structure or skeleton. हड्डियों के संचय या दृढ़ता को संहनन कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान विचय – Sansthaana Vichaya. A type of religious contemplation about different dimensions of Teen Lok- three worlds. धर्मध्यान का चौथा भेद ” तीन लोक के संस्थान प्रमाण, भेद आदि का चिंतन करना ” इसके पिंडस्थ, पदस्थ, रूपस्थ और रूपातीत ये 4 भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान नामकर्म प्रकृति – Sansthaana Naamakarma Prakrti. Physique making Karma causing figure of the body. जिस कर्म के उदय से 6 प्रकार के संस्थानों में से कोई एक रूप शरीर का आकार हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान – Sansthaana. The figure of beings etc., An institute. आकृति को संस्थान कहते हैं (जीवों का गोल, त्रिकोण आदि आकार), संस्था “