14. हस्तिनापुर तीर्थ पूजा
(पूजा नं.-13) हस्तिनापुर तीर्थ पूजा -गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी -स्थापना-गीता छंद- श्री शांति कुंथु अर जिनेश्वर, जन्म ले पावन किया। दीक्षा ग्रहण कर तीर्थ यह, मुनिवृन्द मन भावन किया।। निज…
(पूजा नं.-13) हस्तिनापुर तीर्थ पूजा -गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी -स्थापना-गीता छंद- श्री शांति कुंथु अर जिनेश्वर, जन्म ले पावन किया। दीक्षा ग्रहण कर तीर्थ यह, मुनिवृन्द मन भावन किया।। निज…
(पूजा नं.-12) रत्नपुरी तीर्थ पूजा -स्थापना (कुसुमलता छन्द)- श्री तीर्थंकर धर्मनाथ ने, रत्नपुरी में जन्म लिया। धर्मतीर्थ का वर्तन करके, जन्मभूमि को धन्य किया।। पन्द्रहवें तीर्थंंकर की, उस जन्मभूमि को वन्दन है। आह्वानन स्थापन सन्निधिकरण विधी से अर्चन है।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरश्रीधर्मनाथजन्मभूमिरत्नपुरीतीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …
(पूजा नं.-11) कम्पिलपुरी तीर्थ पूजा -स्थापना (कुसुमलता छन्द)- तीर्थंकर श्री विमलनाथ की, जन्मभूमि काम्पिल्यपुरी। गर्भ जन्म तप ज्ञान चार, कल्याणक से पावन नगरी।। आह्वानन स्थापन करके, पूजूँ कम्पिल तीरथ को। जिनवर की पद धूलि नमन कर, गाऊँ जिनगुण कीरत को।।१।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरश्रीविमलनाथजन्मभूमिकम्पिलपुरीतीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …
(पूजा नं.-10) चम्पापुरी तीर्थपूजा तर्ज-मेरे देश की धरती……… चम्पापुर नगरी वासुपूज्य के जन्म से धन्य हुई है, …
(पूजा नं.-9) सिंहपुरी तीर्थ पूजा -अडिल्ल छन्द- सिंहपुरी श्रेयाँसनाथ जन्मस्थली। है प्रसिद्ध जो सारनाथ पुण्यस्थली।। उसकी पूजन हेतु करूँ स्थापना। तीरथ अर्चन से होगा हित आपना।।१।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरश्रीश्रेयाँसनाथजन्मभूमिसिंहपुरीतीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …
(पूजा नं.-8) भद्रिकापुरी तीर्थ पूजा -स्थापना (बसन्ततिलका छन्द)- शीतल जिनेन्द्र जन्मस्थल को जजूँ मैं। श्री भद्रिकापुरी पुण्यस्थल भजूं मैं।। आह्वाननं कर यहाँ प्रभु को बुलाऊँ। उन जन्मभूमि की पूजा भी रचाऊँ।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरश्रीशीतलनाथजन्मभूमिभद्रिकापुरीतीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …
(पूजा नं.-7) काकन्दी तीर्थ पूजा -स्थापना- तर्ज-आओ बच्चों…….. चलो चलें काकन्दी नगरी, पुष्पदन्त को नमन करें। जन्मभूमि की पूजन…
(पूजा नं.-6) श्री चन्द्रपुरी तीर्थ पूजा स्थापना-शंभु छन्द अष्टम तीर्थंकर चन्द्रप्रभू की, जन्मभूमि है चन्द्रपुरी। गर्भागम से केवलज्ञानी, बनने तक पावन हुई मही।। उस चन्द्रपुरी तीरथ की पूजन, से पहले आह्वानन है। स्थापन सन्निधिकरण सहित, जन्मस्थल का आराधन है।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरश्रीचन्द्रप्रभजन्मभूमिचन्द्रपुरीतीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …
(पूजा नं.-5) वाराणसी तीर्थ पूजा -स्थापना (शंभु छंद)- जिस वाराणसि नगरी का हमने, नाम सुना है ग्रंथों में। जो पावन और पवित्र सुपारस, पार्श्वनाथ के चरणों से।। उस जन्मभूमि तीरथ की पूजन, हेतु करूँ आह्वानन मैं। स्थापन सन्निधिकरण करूँ, वाराणसि तीर्थ का अर्चन मैं।।१।। ॐ ह्रीं तीर्थंकर श्रीसुपार्श्वनाथ पार्श्वनाथ जन्मभूमि वाराणसी तीर्थक्षेत्र! अत्र अवतर अवतर…
(पूजा नं.-4) कौशाम्बी तीर्थ पूजा तर्ज- आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं…… पदमचिन्ह युत पदमप्रभू की, जन्मभूमि वन्दना करें। कौशाम्बी शुभ तीर्थ ऐतिहासिक, की हम अर्चना करें।। …