विसपर्ण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसपर्ण –Visarpana. Expansion, Crawling, Slight expansion of soul-points. फैलाव, प्रसारण, विस्तार, रेंगना, सरकाना, दीपक के प्रकाश के समान जीव के प्रदेशों का संकोच-विस्तार (विसपर्ण) होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसपर्ण –Visarpana. Expansion, Crawling, Slight expansion of soul-points. फैलाव, प्रसारण, विस्तार, रेंगना, सरकाना, दीपक के प्रकाश के समान जीव के प्रदेशों का संकोच-विस्तार (विसपर्ण) होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसर्जन –Visarjana. Completion, Sending deities back with respect. समापन, पूजा के ५ अंगों में एक अंग, जो पूजा की समाप्ति पर किया जाता है ” इसमें आगन्तुक देवों को आदरपूर्वक अपने-अपने स्थानों पर जाने के लिए प्रार्थना की जाती हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसदृश –Visadrsa. Dissimilar, Recognition with dis-similarity (reg. any different matters). समानता का अभाव ” प्रत्यभिज्ञान का एक भेद; स्मृति और प्रत्यक्ष के विषयभूत पदार्थों में विसदृशता दिखाते हुये जोड़रूप ज्ञान को विसदृश प्रत्यभिज्ञान कहते हैं ” जैसे – गाय को लेकर भैंसा में रहने वाली विसदृशता दिखाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसंवाद –Visamvada. Misleading or deceptive speech. वचन विरोध, धोखा ” अशुभ नामकर्म के आस्त्रव का एक कारण; अन्यथा प्रवृर्ती या प्रतिपादन करना अथवा दूसरे को धोखा देना विसंवाद है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसंयोजन –Visamyojana. Transition of higher passions into lower passion-ate form. संक्रमण, अनंतानुबंधी कषाय के द्रव्य को अप्रत्याख्यानादि अन्य कषाय रूप परिणमा देना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णुनंदि –Visnunandi. Name of an omniscient after Lord Mahavira. भगवान महावीर के बाद हुए पंचम श्रुतकेवली, समय – ई. पू. ४६५-४५१, अपरनाम नंदि था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णुकुमार –Visnukumara. A great saint; the son of Chakravarti (emperor) ‘Mahapadma; ultimately who got salvation. महापध्न चक्रवर्ती के पुत्र एक महामुनि ” अक्म्पनाचार्य के ७०० मुनियों के संघ पर बलि कृत उपसर्ग को अपनी विक्रिया ऋध्दी द्वारा दूर किया, अंत में तप कर मोक्ष गये “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णु –Visnu. Another name of Narayan, One of the great Acharya after salvation of Lord Mahavira. त्रिखंडाधिपति नारायण को विष्णु कहते हैं, त्रिपृष्ठ, द्विपृष्ठ, स्वयंभू, पुरुषोत्तम, पुरुषसिंह, पुण्डरीक, दत्त, लक्ष्मण और क्रष्ण ये ९ विष्णु (नारायण) हैं ” महावीर निर्वाण के ६२ वर्ष बाद हुए ५ आचायों में प्रथम आचार्य, ये श्रुतकेवली…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्टा –Vista. Diameter, Excreta. मल, पाखाना ” औदारिक शरीर में विष्ठा का प्रमाण ६ प्रस्थ है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्कंभ –Viskambha. Diameter, Expansion. व्रत का व्यास, विस्तार, लम्बाई “