विषयातीत!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयातीत – Vishayatita. Supreme bliss. विषयों की निवृति से उत्पन्न होने वाला सुख अर्थात् संसार के विषयों से अतीत स्वाधीन अव्याबाध सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयातीत – Vishayatita. Supreme bliss. विषयों की निवृति से उत्पन्न होने वाला सुख अर्थात् संसार के विषयों से अतीत स्वाधीन अव्याबाध सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयसंरक्षणानंद – Vishayasamraksananamda. Intense passionate attachment. एक प्रकार का रौदृ ध्यान, परिग्रह व इन्द्रिय भोग के पदार्थों की रक्षा में मोह करते रहना चौथा रौदृध्यान हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषय विराग – Vishaya Viraga. Renunciation of sensual enjoyments. पाँचों इन्द्रियों के सब शुख की अभिलाषा का त्याग विषय विराग है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयरूचि – Vishayaruchi. Attachment with sensual enjoyment, A lust. इन्द्रिय विषयों के प्रति कामना, इच्छा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयत्याग – Vishayatyaga. Renunciation of sensual enjoyments. भोगाकांक्षा का त्याग करना उसमें रागादि भाव नहीं करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमोचिक – Vishamochika. The wood – soled sandal of Chakravarti (emperor) Bharatesh. चक्रवर्ती भरतेश की पादुकाएं या खंडाऊं का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमधारा – Vishamadhara. Sequence of odd numbers. १४ धाराओं में एक धारा; १ से लगाकर केवलज्ञान के अंशों तक विषम संख्या की पंक्ति ” जैसे – १, ३, ७ आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषम द्रष्टांत – Vishama Drstamta. An odd example of an event. जो दार्ष्टान्तिक के सदृश न हो उसे विषम द्रष्टांत कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषम – Vishama. Odd, not similar, uneven. जो सम या समान न हो, आसमान ” (स्निग्ध पुद्ग्ल का रुक्ष पुद्ग्ल के साथ जघन्य गुण के सिवाय विषय अथवा सम गुण के रहने पर बंध होता है ) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष वाणिज्य – Visha Vanijya. Trade of poison, destructive for all beings. जीवों को घात करने वाले विष का व्यापार “