मुख!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख–Mukha. The fore–part, entrance, front, mouth, face. अग्रभाग, प्रवेश द्वार, प्रधान–मुख्य, धवला के अनुसार जीव प्रदेशो के विशिष्ट संस्थानों को मुख कहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख–Mukha. The fore–part, entrance, front, mouth, face. अग्रभाग, प्रवेश द्वार, प्रधान–मुख्य, धवला के अनुसार जीव प्रदेशो के विशिष्ट संस्थानों को मुख कहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिशिला–Muktishila. Place of salvation. सिद्ध शिला; ईषत् प्राग्भार अष्टमपृथ्वी केमध्य छत्र के आकार ढाई द्वीप प्रमाण गोल 45 लाख योजन व्यास की शिला” यहीं सिद्ध भगवान् विराजते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिपथ–Muktipath. Path of salvation. परिग्रह का त्याग मुक्तिमार्ग है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिकत–Muktikant. Salvated one. सिद्धभगवान्, जो उपमा अलंकर के अनुसार मुक्तिरुपी कन्या के पति होते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्ताहार– Muktahar. Cities in the north of Vijayaradh mountain. विजयार्ध पर्वत की उत्तर श्रेणी के नगरो का नाम”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्ताशक्ति मौद्रा–Muktashakti Vrat. A posture with joined hands placed together and raised to pay reverence. वन्दनामुद्रावत ही खड़े होकर, दोनों कुहनियो को पेट के ऊपर रखकर, दोनों हाथो की उंगलियो को आकार विशेष द्वारा आपस में संलगन करके मुकुलित बनाना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तादाम–Muktadaam. A type of wreath of pearls. मोतियो से निर्मित मालाये, इन्हें विमानों में लटकाकर उनकी शोबव्रद्धि की जाति है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तागिरी(तीर्थ)–Muktagiri (Tirtha). Name of a Digambara Jaina place of pilgrimage in Baitul dist. Of Madhya Pradesh from where three and a half crore Munis (saints) got salvation. It’s another name is Medhagiri. मध्य प्रदेश में स्थित सिद्धक्षेत्र; यहा सेसाढ़े तीनकरोड़ मुनि ‘ मोक्ष’ पधारे है, इसेमेढ़ागिरी भी कहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तदंत–Muktdant. Name of the 3rd predestined Chakravarti (empror). भावि शलाका पुरुष; तीसरे चक्रवर्ती का नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलव्रतेष्वनतिचार – Sheelavrateshvanatichaara. Strictly following of virtuous & moral conduct (one of the 16 particular volitions causing Tirthankar Prakriti). तीर्थंकर प्रकृति के बंध में कारणभूत 16 कारण भावनाओं में तीसरी भावना; शीलव्रतों का निरतिचार पालन करना “