शिव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिव – Shiva. Name of the 13th Tirthankar (Jain-Lord) of past time, Name of a door of samavsharam(assembly of lord). भूतकालीन तेरहवें तीर्थंकर, समवशरण के तीसरे कोट के दक्षिण द्वार का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिव – Shiva. Name of the 13th Tirthankar (Jain-Lord) of past time, Name of a door of samavsharam(assembly of lord). भूतकालीन तेरहवें तीर्थंकर, समवशरण के तीसरे कोट के दक्षिण द्वार का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिल्पकर्मार्य – Shipakarmaarya. A type of Aryas having professional job according to caste. सावद्य कर्मार्य के 6 भेदों में एक भेद; धोबी, नाई, लुहार, कुम्हार, सुनार आदि शिल्प कर्मार्य हैं “
शिल्पकर्म – Shipakarma. Handicraft, Architecture, Having to do with craft. भगवान ऋषभदेव द्वारा बताये गए षट कर्मों में एक; हस्त कौशल से जीविकोपार्जन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन शुद्धि –Vachan Shuddhi Polite & wise speech. पीडादायक , कठोर या असभ्य वचन नहीं बोलना तथा हित मित मधुर वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन विवेक –Vachan Vivek : Wishful speaking ,Conscious speech. विवेक का एक भेद ;क्रोधादि कषाय उत्पन्न होने पर मैं मारूंगा इत्यादि वचन का प्रयोग न करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन वंदना –Vachan Vandanaa: Expressing reverential greetings by speech. साधुओं का एक कृतिकर्म; पंच परमेष्ठी के गुणों का वचनों के द्वारा महत्व प्रगट करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनयोग –Vachanayoga.: Vibration in soul-points because of speech. योग के तीन भेदों में एक भेद ;वचन के निमित्त से आत्मप्रदेशों में होने वाला परिस्पंदन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनबल ऋद्धि – Vachanbala Riddhi.: A type of super natural power of speech. बल ऋद्धि का एक भेद; जिसके प्रभाव से साधु श्रमरहित होता हुआ एक मुहर्त काल में द्वादशांग को जानता व उसका उच्चारण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनप्राण – Vachanprana.: Power of speech. जीव के 10 प्राणों में से एक प्राण; जीव की वचन व्यापर में कारणभूत योग्यता या शक्ति “