वचन (असूनृत)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (असूनृत) – Vachan (Asuunrta).: Coarse or vulgar language. असत्य वचन के 4 भेदों में अंतिम भेद; निंद्य, अप्रिय, पापयुक्त वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (असूनृत) – Vachan (Asuunrta).: Coarse or vulgar language. असत्य वचन के 4 भेदों में अंतिम भेद; निंद्य, अप्रिय, पापयुक्त वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अभूतोद्भावन) – Vachan (Abhuutodbhaavana).: A type of false speech (to say existence of non existent things). असत्य वचन के 4 भेदों में दूसरा भेद; जो नहीं है उसको है कहना ” जैसे – देवों की अकाल मृत्यु नहीं है फिर भी उनकी अकाल मृत्यु बताना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनालोच्य) – Vachan (Anaalochya). False interpretation of something. असत्य वचन के 4 भेदों में एक भेद ; विपरीत सत् पदार्थ का प्रतिपादन करना ” जैसे – बैल है उसका विचार न कर यहाँ घोडा है ऐसा कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनृत) – Vachan (Anrta).: False speech or words. असत्य वचन ; मर्मछेदी, कलहकारी, हास्य, भय , लोभ, क्रोध, द्वेष आदि को उत्पन्न करने वाले वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्षार – Vakshaara: Particular 16 mountains in Videh Kshetra (region). विदेह के 32 क्षेत्रों को विभाजित करने वाले अनादिनिधन 16 पर्वत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्रांत – Vakraanta: Name of a dwelling place of a hellish earth (Ratnaprabha). रत्नप्रभा पृथ्वी के 11वें प्रस्तर का इन्द्रक बिल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्रग्रीव – Vakragriiv: The other name of Acharya Kund-Kund, Name of another great Acharya also. आचार्य कुंदकुंद का अपर नाम, अंगांशधारियों की परम्परा में एक आचार्य (ई.श. 12) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्ता –Vaktaa: Orator , Speaker , Instructor ,One well –versed in scriptures . शास्त्रों का व्याख्याता ;सर्वज्ञ तीर्थंकर केवली .श्रुतकेवली और आरातीय आचार्य वक्ता के तीन भेद हैं ” सामान्य रूप से किसी भी भाषण करने वाले को भी वक्ता कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्तव्य –Vaktavya : Speech, utterance , communique . कहे जाने या बोले जाते योग्य “प्रकथन योग्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्तृत्व – Vaktratva: Eloquence ,Art of fluent speech . वक्तापन ,भाषण “