शास्त्र तात्पर्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्र तात्पर्य – Shaastra Taatparya. Scriptural meanings. सूत्र के दो भेदों में एक भेद; परमार्थ से साक्षात मोक्ष के कारणभूत वीतरागपना या भेद ज्ञान ही शास्त्र तात्पर्य है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्र तात्पर्य – Shaastra Taatparya. Scriptural meanings. सूत्र के दो भेदों में एक भेद; परमार्थ से साक्षात मोक्ष के कारणभूत वीतरागपना या भेद ज्ञान ही शास्त्र तात्पर्य है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रज्ञान – Shaastragyaana. Scriptural knowledge. आगन ज्ञान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्र – Shaastra. Scriptures, Religious treatises. आगम ग्रंथ, जो परम्परा से सर्वज्ञ वीतराग आप्त का कहा हो एवं प्रत्यक्ष व परोक्ष प्रमाण से बाधा रहित हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन देव – Shaasana Dieva. Ruling deities of 24 tirthankars. चौबीस तीर्थंकर भगवंतों के चौबीस शासन देव ” तिलोयण्णत्ति के अनुसार ये सभी शासन देव संबंधित तीर्थंकरों के समवसरण में रहते हैं अतः ये सम्यग्दृष्टि होते हैं” आचार्य पूज्यवाद स्वामी ने इनके लिए अर्ध्य बनाए हैं एवं अनेक प्राचीन ग्रंथों में इनके अर्ध्य के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन दिवस – Shaasana Divasa. ‘Veer shasan jayanti’, celebration of first sermon day of Lord Mahavir. वीर शासन जयंती अर्थात श्रावण कृष्ण प्रतिप्रदा का दिन, जब विपुलाचल पर्वत (राजगृही) पर केवलज्ञान होने के 66 दिन बाद प्रथम बार भगवान महावर की दिव्य ध्वनी खिरी थी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन – Shaasana. Regime, Discipline, Rules. अनुशासन, आज्ञा जिसके द्वारा समस्त जीवजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है ” वर्तमान में भगवान महावीर का शासन काल चल रहा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाश्वत सुख – Shashvata Sukha. Supreme or enternal bliss. अनंत सुख ” अर्थात सूक्ष्म लोभ का नाश होने से जो सूक्ष्म परिणाम शेष रह जाते हैं वह सूक्ष्म चरित्र है वह शाश्वत सुख का स्थान है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाश्वत उपादान – Shashvata Upaadaana. Undestroybale properties of a substance. द्रव्य के दो अंशॉन में एक अंश-गुण; जो शाश्वत होने के कारण अपने स्वरुप को त्रिकाल में भी नहीं छोड़ते “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाल्मली वृक्ष – Shalmali Vriksha. The silk-cotton tree, this kind of natural trees are found in the south of Sumeru mountain in each of jambudvip, dhatkikhanddvip & Pushkarardhadvip. सेमल (रुई) का वृक्ष; अकृत्रिम जम्बूद्विप रचना के अन्दर सुमेरु पर्वत की दक्षिण दिशा में देवकुरु भोगभूमि में स्थित पृथ्वीकायिक एक अकृत्रिम वृक्ष ” हस्तिनापुर में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शालिसिक्थ मत्स्य – Shalisiktha Matsya. A special type of aquatic being (Tandul Matsya). तन्दुल मत्स्य; इनका शरीर तण्डुल (चावल) के सिक्थ के प्रमाण होता है एवं स्वयंभूरमण समुद्र में रहने वाले महामत्स्य के कां का मेल खाकर जीवन निर्वाह करते हैं “