प्रातिहार्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिक देव- एक प्रकार का व्यंतरजातीय देव। Pratika Deva- A type of peripatetic deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातर- मध्य आर्यखण्ड का एक देष। Pratara- A country of middle Arya Khanda (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणी- जीव जिसमें इन्द्रिय, बल, आयु और श्वासोच्छ्वास आदि प्राण विद्यमान रहते है। Prani- living beings possessing different type of vitalities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणावाय पूर्व- 14 पूर्वो में से बारहवाँ पूर्व, जिसमें षरीर चिकित्सा आदि अश्टांग आयुर्वेद, भूतिकर्म, जागुलिक कर्म (विश विद्या) और प्राणायाम के भेद प्रभेदों का वर्णन होता है। Pranavayapurva-A (purva) part of scriptural knowledge (Shrutgyan)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणायाम- ष्वास को अंदर खीचना कुम्भक, रोक कर रखना पूरक एवं धीरे-धीरे बाहर छोड़ना रेचक है, यें तीनो मिलकर प्राणायााम कहलाते हैं। Pranayma- Yoging respiratory control, meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणापान पर्याप्ति- छह पर्याप्तियों में एक पर्याप्ति इसे श्वासोच्छ्वास भी कहते है। PranapanaParyapti- Breathing vitality
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपातिकी क्रिया- जीवों की इन्द्रिय आदि प्राणों का या एक दो आदि प्राणों का घात करना प्राणतिपातिकी क्रिया है। PranapatikiKriya- damaging any of the senses or vitalities of beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपात विरमणव्रत- अहिंसाव्रत; जीवों कें प्राणों की रक्षा करना। PranatipataViramanavrata- A vow of non violence