समुद्रविजय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्रविजय – Samudravijaya. Father’s name of the 22nd Tirthankar (Jaina Lord) Neminath. 22 वें तीर्थकर नेमिनाथ के पिता। शैरीपुर के राजा अन्धकवृष्णि और सुभद्रा के 10 पुत्रों मे प्रथम पुत्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्रविजय – Samudravijaya. Father’s name of the 22nd Tirthankar (Jaina Lord) Neminath. 22 वें तीर्थकर नेमिनाथ के पिता। शैरीपुर के राजा अन्धकवृष्णि और सुभद्रा के 10 पुत्रों मे प्रथम पुत्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीमुक्ति – Strimukti. Salvation of female jaina saints (which is not possible according to Digambar Jaina philosophy).स्त्री मुक्ति का आगम मे निषेध है। पुरुष, स्त्री एंव नपुंसक तीनो ही भाव लिंगो से मोक्ष सम्भव है लेकिन द्रव्य से केवल पुरुषवेद से ही मोक्ष होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीप्रवज्या – Stripravajyaa. Initiation of a woman for asceticism.स्त्री द्वारा संपूर्ण परिग्रह त्याग करके दीक्षा धारण करना( उपचार से महाव्रती होते हुए भी सावरण होने से स्त्रियो को मुक्ति नही होती है)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्री परिषह जय – Stri Parisaha Jaya. Victory over the woman-affliction causing sexual troubles.एकांत उद्यान या भवन आदि स्थानो मे यौवन से उन्मत्त स्त्रियो के द्वारा बाधा पहुुंचाये जाने पर भी कामविहार से विचलित नही होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्र – Samudra. Ocean, sea (one of the dreams of Lord’s & Bharat chakralvatis mother). सागर। तीर्थकरो की माता एवं भरत चक्रवर्ती की माता (यषस्वती) के स्वप्नों मे एक स्वप्न।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीकथा – Strikathaa. Passionate tale or romantic gossip.विकथा के 4 भेदो मे एक भेद। स्त्रियो की रागोत्पादक कथाओ को सुनना या करना अथवा कामीजनो द्वारा की जाने वाली स्त्रियो की संयोग-वियोग जनित विविध वचन रचना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानत्रिक – Styanatrika. A triplet of karmic nature related to sleepiness.स्त्यानगृद्वि, निद्रानिद्रा, प्रचलाप्रचला ये तीन कर्म प्रकृतियाॅ स्त्यानत्रिक कहलाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुदघात – Samudghaata. Extrication of soul-points from the body without leaving the body, there are 7 kinds of it. वेदना आदि के निमित्त से मूल शरीर को नही छोड़ते हुए जो जीव के कुछ आत्मप्रदेष शरीर से बाहर निकलते है उसे समुद्धात कहते है। इसके 7 भेद है- वेदना, मारणान्तिक, वैक्रियिक, तैजस, आहारक और…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानगृद्वि कर्म प्रकृति – Styangraddhi Karma Prakrti. A karmic nature causing power of committing abnormal activity in the state of somnambulism.दर्शनावरण कर्म की उत्तर प्रकृतियो मे एक प्रकृति, जिसके निमित्त से स्वप्न अवस्था मे विशेष श़िक्त प्रकट होती है और जीव सोता हुआ भी भयानक असाधारण कार्य करता है उसे स्तयानगृद्वि निद्र कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानगृद्वि – Styanagraddhi. To commit abnormal activity in the state of somnambulism (walking habit in the sleeping state).5 निद्रांओ मे एक निन्द्रा, स्वप्न मे उठकर व्यक्ति कोई भयानक असाधारण कार्य करके पुनः सो जाये।