स्तेयानंद!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तूप – Stuupa. A dome shaped structure ( a type of creation in the samavasharana, the assembly of Lord).समवषरण रचना का एक अंग। ये समवषरण की वीथियो के मध्यभाग मे बनाये जाते है। अर्हत और परमेष्ठियो की प्रतिमाये इनके चारो और स्थापित की जाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तुति विद्या – Stuti Vidyaa. Name of a treatise written by Acharya. Samantbhadra.आचार्य समन्तभद्र द्वारा संस्कृत भक्ति विषयक ग्रन्थ, जिनषतक। समय – ई0 120. 185।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तिबुक संक्रमण – Stibuka samkramana. Simultaneous fruition of non-rising karmic nature with another rising one.गति, जाति आदि पिेड प्रकृतियो मे से जिस किसी विवक्षित प्रकृति के उदय आने पर अनुदय प्राप्त शेष प्रकृतियो का जो उसी प्रकृति मे संक्रमण होकर उदय आता है उसे स्तिबुक संक्रमण कहते है। जैसे एकेन्द्रिय जीवो के उदय प्राप्त…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तिमितसागर – Stimitasaagara. Name of the third son of king Andhakvishni.राजा अन्धकवृष्णि एवं रानी सुभद्रा का तीसरा पुत्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुत्पत्तिक कषाय – Samutpattika Kashaaya. Something passion generating. जो जीव से भिन्न होकर कषाय को उत्पन्न करता है वह समुत्पत्ति कषाय है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुत्पत्ति – Samutpatti. Birth, origin, creation. मूल, पैदावार।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुत्कीर्तना – Samutkeertanaa. A disquisition door (Anuyodvar) expressing existence of all karmic nature. एक अनुयोगद्वार इसमे कर्म प्रकृतियो का अस्तित्व बतलाया जाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वभाव गति – Svabhaava Gati. Movement of salvated soul. उध्र्वगति जीव की स्वभाव गति है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] Svabhaava Kriyaa. Natural activities (of all matters). ग्तिरुप ंिक्रया के 10 भेदो मे एक भेद। जीवो की स्वभाव क्रिया सिद्वि गमन और पुद्गलो की स्वभाव क्रिया परमाणु की गति है।