सुरदेव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरदेव- Suradeva. Name of the 2nd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन दूसरे तीर्थकर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरदेव- Suradeva. Name of the 2nd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन दूसरे तीर्थकर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरगिरि – Suragiri. Another name of Sumeru mountain. सुमेरू पर्वत का अपरनाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरगंगा – Suragangaa. Milkyway, (the galaxy, a luminous band of heavenly stars), The heavenly Ganges. आकाशगंगा ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर -Sura. Ton (of the voice of musical instrument), a tune, A type of deities involved in good deeds. सुरीली ध्वनि, देव, जिनकी अहिंसा आदि के अनुष्ठान में रवि है वे सुर कहलाते है। इनके विपरीत असुर कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुलोचना – Sulochanaa. Name of the chief Aryika (Ganini) in the Samavsharan(assembly) of Lord Parshvanath, The daughter of king akampan. भगवान पार्श्वनाथ के समवसरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) । अपरनाम सुलोका । राजा अकम्पन की पुत्री, स्वयंवर में भरत चक्रवर्ती के सेनापति जयकुमार ने इसका वरण किया था ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुलोचन -Sulochana. One with attracting eyes, The 20th son of king Dhritrashtra. सुन्दर नेत्रों वाला, राजा धृतराष्ट्र एवं रानी गांधारी का 20 वाॅं पुत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार (टीका) – Samayasaara (Teekaa). The commentary books on samayasar treatise written by 1. Acharya Amritchandra 2. Acharya Jaisen etc. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा कृत आत्मख्याति संस्कृत टीका, आचार्य जयसेन (ई. श. 12-13) द्वारा कृत तात्पर्यवृत्ति संस्कृत टीका, पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1807) कृत आत्मख्याति वचनिका हिन्दी टीका, आचार्य श्री ज्ञानसागर (आचार्य श्री…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार (शास्त्र) – Samayasaara (shaastra). Name of a great metaphysical treatise written by Acharya Kundkund. आचार्य कुन्दकुन्द (ई.127-179) कृत आध्यात्मिक कृति। अमृतचंद्रसूरी के अनुसार इसमें 415 प्राकृत गाथा निबद्व है एवं श्री जयसेनाचार्य के अनुसार 437 गाथाएॅ है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसत्य – Samayasatya. (Jiva, Ajiva, etc). जो वचन आगमगम्य प्रतिनियत 6 द्रव्य व उनकी पर्यायों की यथार्थता को प्रगट करने वाला है वह समयसत्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयमूढ़ता – Samayamoorhataa. Inclination towards false beliefs because of magnificence of wrong philosophy. आश्चर्य उत्पन्न करने वाले ज्योतिष, मंत्रवाद आदि को देखकर सर्वज्ञ कथित धर्म को छोड़कर मिथ्या देव-श्षास्त्र और खोटा तप करने वाले कुलिंगियो एवं कुधर्म को भय, वांछा और लोभ से प्रणाम, विनय, पूजा, सत्कार आदि करना समयमूढ़ता है।