मध्यम प्रोषधोपवास!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम प्रोषधोपवास – Madhyam prosadhopvassa. A type of fasting – renunciation of all kind of food except water to be observed on Ashtami, chaturdashi. अष्टमी, चतुर्दशी के दिन जल को छोडकर शेष आहार का त्याग करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम प्रोषधोपवास – Madhyam prosadhopvassa. A type of fasting – renunciation of all kind of food except water to be observed on Ashtami, chaturdashi. अष्टमी, चतुर्दशी के दिन जल को छोडकर शेष आहार का त्याग करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम पारीषद् – Madhyam paarishad. A type of council of deities. देवों के परिषद् (सभा) के तीन भेदों में एक भेद ; इसे चंदा नाम से जाना जाता है , इसमें बहुधा अन्तःपुर के महत्तर होतें है जो बेंतरूपीलता को हाथ में ग्रहण करके कंचुकी की पोषाक पहने हुए हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम पात्र – Madhyam patra. Medium graded spiritual persons who follow rightenous observances. पात्र के तीन भेदों में एक भेद ; आर्यिका , सप्तम प्रतिमाधारी से उत्कृष्ट श्रावक (एलक- क्षुलल्क) मध्यम पात्र कहलाते हैं अथवा सम्यग्द्रष्टि देशवर्ती श्रावक मध्यम पात्र कहलाते हैं ” इसी प्रकार दिगंबर महामुनि उत्तम पात्र होते हैं एवं अविरत्त…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम पद – Madhyam pad. A large syllaberic term. 16348307888 अक्षर के पद को मध्यम पद कहते हैं ” अंगो तथा पूर्वो के पदों की संख्या इसी पद से परिगणित होती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम धर्मध्यान – Madhyama Dharamadhayana. A kind of right religious observances. धर्मध्यानके 3 भेदों में एक भेद ” गृहस्थ धर्म का संचालन करते हुए धर्म के प्रति भी मध्यम प्रवृति करते रहना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम नक्षत्र – Madhyam Naksatra. Particular group of lunars. 30 मुहूर्त के नक्षत्रों को मध्यम नक्षत्र कहते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम ग्रैवेयक – Madhyama Graiveyaka. See – Madhyama Graiveyaka. देखें – मध्यग्रैवेयक”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम आराधना- Madhyama Aradhana. A type of adoration related to the spiritual development of soul at the path of salvation. भक्त प्रत्याखयान की वह आराधना जिस का पालन कर शरीर का त्याग करने वाले मुनिराज विशुद्ध लेश्या को धारण कर अनुत्रवासी देवों में उत्पन्न होतें हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समभिरुढ़ नय – Samabhiruurha Naya. Standpoint grasping the specific traditional meaning of something leaving others. जो शब्द के अनेक अर्थों को छोड़कर प्रधानता से एक ही रुढ़ अर्थ को ग्रहण करता है उसे समभिरुढ़ नय कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समपाद तप – Sampaada Tapa. A type of physical mortification standing on feet keeping them straight. कायक्लेश तप का एक भेद। जिसमे दोनो पैर समान रखे जाये।