मघवा!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मघवा – Maghava.: Name of the 6th earth of hell. नरक की छठी पृथ्वी, जिसका अपरनाम तमःप्रभा है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मघवा – Maghava.: Name of the 6th earth of hell. नरक की छठी पृथ्वी, जिसका अपरनाम तमःप्रभा है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मगर – Magara. A crocodile; significant sign of Lord Pushpadant. एक जल चर तिर्यंच , पुष्प दंत भगवान का चिन्ह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मगधसारनलक- Magadhasaranalaka. Name of a city situated in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मगध – Magadha.: Name of a country of Bharat Kshetra eastern Arya Khand (region). भरत क्षेत्र के आर्य खंड का एक देश “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मख – Makha. A Sacrificial activity. याग, यज्ञ, पूजा आदि करना , पूजा विधि का पर्यायवाची शब्द “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मक्सी पार्श्वनाथ (तीर्थ) – Makshi Parshvanatha (Tirtha).: Name of a Jaina place of pilgrimage, an Atishay Kshetra of Lord Parshvanath in M.P. मध्य प्रदेश में सेंट्रल रेलवे की भोपाल – उज्जैन शाखा पर अवस्थित एक अतिशय क्षेत्र ” यह क्षेत्र भगवान्पार्श्वनाथ की प्रतिमा के अतिशयों के कारण अतिशय क्षेत्र कहलाता हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मक्खन:- Makkhana. Butter. नवनीत ; 22 अभ्यक्षों में एक अभ्य्क्ष (दूध या दही से मक्खन निकलने के एक मुहर्त पश्चात्त्र स जीवों की उत्पत्ति होने के कारण अभयक्ष कहलाता हैं ) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रदेशी द्रव्य – Sapradeshee Dravya. Matters (5 dravyas except kal (time)Dravya) occupying space points. कालद्रव्य को छोड़कर शेष 5 द्र्रव्य सप्रदेषी है। कालद्रव्य अप्रदेषी है, क्योकि वह प्रदेषो के बंध या समूह से रहित है। अर्थात् कालद्रव्य के कालाणु भिन्न-भिन्न ही रहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रतिपक्षी प्रकृति – Sapratipaksee Pakriti. Karmic nature with their opposite nature. जिन कर्म प्रकृतियों की प्रतिपक्षी कर्म प्रकृति मौजूद हो-साता वेदनीय, असाता वेदनीय, तीनों वेद, हास्यादि चार, एकेन्द्रियादि 5 जातियां, 6 संस्थान, 6 संहनन, 4 आनुपर्वी, 4 गति, औदारिक-वैक्रियिक दो शरीर तथा दोनो के दो अंगोपांग, दो गोत्र त्रसादि 10 युगल और दो विहायोगति…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रतिपक्षी – Sapratipaksee. Something with opposite property or nature. विरोधी धर्म, सत् सदा अपने प्रतिपक्षी की अपेक्षा रखता है।