सप्तांक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तांक – Saptaanka. Infinite multiplicative increase. असंख्यात गुणवृद्वि की सप्तांक संज्ञा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तांक – Saptaanka. Infinite multiplicative increase. असंख्यात गुणवृद्वि की सप्तांक संज्ञा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तव्यसन चारित्र – Saptavyasana Chaaritra. Name of a book written by Manranglal. पंडि़त मनरंगलाल (ई. 1850-1890) द्वारा रचित भाषा छंदबद्व कथा।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तव्यसन कथा – Saptavyasana Kathaa. Name of a book written by Somkirti. सोमकीर्ति (ई. 1461-1483) द्वारा रचित एक ग्रंथ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तविध संसार – Saptvidha Sansaara. Seven modes of involvement of beings in the wordly cycle. एकेन्द्रिय जीव के सूक्ष्म बादर, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय के संज्ञी और असंज्ञी ये संसारी जीव के सात भेद है, इनमें भ्रमण करना ही सात प्रकार का संसार है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त भय – Sapta Bhaya. Seven particular kinds of fear. इह लोक भय, परलोक भय, वेदना भय, मरण भय, अरक्षा भय, अगुप्ति भय, अकस्मात् भय। ये सात भय है जो सम्यग्दृष्टि को नही होते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तभंगी तरंगिणी – Saptabhamgii Taramginii. Name of a treatise written by Vimaldas on Nyaya philosophy. विमलदास (श्रावक) (ई.श. 14-15) कृत संस्कृत भाषा का न्याय विषयक ग्रंथ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तभंगी – Saptabhamgii. The theory of seven fold predication consisting in various way of affirmation and negation regarding any substance. प्रश्न के अनुसार एक ही वस्तु मे जो बिना किसी विरोघ के सत् असत् आदि धर्मों का कथन किया जाता है। उसे सप्तभंगी कहते है। इसी का दूसरा नाम स्याद्वाद्व शैली कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तपरमस्थान – Sapta Parama Sthaana. Seven super stages in three Loks (words), A type of vow (fasting). तीन लोको मे मान्य सात उत्कृष्ट स्थानः सज्जाति, सद्गृहस्थ, पारिव्राज्य, सुरेन्द्रता, साम्राज्य, परमार्हन्त्य और परम निर्वाह। एक व्रत जो श्रावण शु. एकम से सप्तमी तक लगातार सात वर्षों तक किया जाता है।