सप्त पदार्थ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त पदार्थ – Sapta Padaartha. See- Sapta Tattva. सप्त तत्त्व ही सात पदार्थ कहलाते है। देखे- सप्त तत्त्व।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त पदार्थ – Sapta Padaartha. See- Sapta Tattva. सप्त तत्त्व ही सात पदार्थ कहलाते है। देखे- सप्त तत्त्व।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त नय – Sapta Naya. Seven kinds of standpoints. नैगम, संग्रह, व्यवहार, ऋजुसूत्र, शब्द, समभिरुढ़ व एवंभूत। इन सात नयांे मे प्रारंभिक तीन द्रव्यार्थिक नय तथा अंतिम चार पर्यायार्थिक नय कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तद्वीपिक भूगोल – Saptadveeepika Bhuugola. Geography of seven particular islands on the earth which are interrelated to one another (according to Vedic geography). वैदिक भूगोल जिसके अनुसार पृथिवी पर जम्बू, प्लक्ष, शाल्मल, कुश, शाक और पुष्कर ये 7 द्वीप है। तथा लवगोद, इक्षुरस, सुरोद, सर्पिस्सलिल, दधितोय, श्रीरोध और स्वादुसलिल ये 7 समुद्र जो चूड़ी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त तत्तव – Sapta Tattva. Seven universal entities (Jiva, Ajiva, Asrava, Bandh, Samvar, Nirjara & Moksh). जीव, अजीव, आसत्रव, बंध, संवर, निर्जरा और मोक्ष ये सात तत्तव है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तच्छद – Saptacchada. Name of the initiation & omniscience tree of Lord Ajitnath & Dharmanath. 7 पत्रों के स्तंबको से युक्त एक वृक्ष, सप्तपर्ण का अपरनाम। तीर्थकर अजितनाथ एवं धर्मनाथ ने इसी वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी और केवलज्ञान प्राप्त किया था।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तक्षेत्र – Saptaksetra. Seven regions of Jambudvip (Island) – Bharat, Haimvat, Hari, Videh, Ramyak, Hairanyavat & Eravat Kshetra. जम्बूद्वीप के भरत, हैमवत, हरि, विदेह, रम्यक्, हैरण्यवत एवं ऐरावत क्षेत्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तकुम्भ – Saptakumbha. A particular procedural vow (fasting). एक व्रत। इसमे उत्तम विधि मे 496, मघ्यम विधि मे 153, एवं जद्यन्य विधि मे 45 उपवास विधिपूर्वक किये जाते है तथा तीनों विधियों मे णमोकार मंत्र का त्रिकाल जाप किया जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तकरण – Saptakarana. Seven types of karan (conduct, disposition, operation). सात करण-अंधःकरण, अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण, क्रमकरण, अन्तरकरण, देशघातीकरण, आयुक्तकरण।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त ऋषि पूजा – Sapta Risi Poojaa. A reverential worshipping book written by Manaranglal. मनरंगलाल (ई. सं. 1850-1890) द्वारा रचित पूजा।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त ऋषि – Sapta Risi. Group of 7 particular saints, who were real brothers. चारण ऋद्विधारी 7 विषेष मुति-सुरमन्यु, श्रीमन्यु, श्रीनिचय, सर्वसुन्दर, जयवान्, विनयलालस और जयमित्र। उत्तम तप के कारण सातो भाई सप्त ऋषि कहलाये। इनके प्रभाव से मथुरा नगरी मे चमरेन्द्र यक्ष द्वारा प्रसारित महामारी रोग नष्ट हुआ था।