प्रकृति सत्त्व योग्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व योग्य – Prakrti Sattva yogya. Karmic nature capable of remaining in exist-ence. सत्ता योग्य कर्म प्रक्रतियां जो १४६ हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व योग्य – Prakrti Sattva yogya. Karmic nature capable of remaining in exist-ence. सत्ता योग्य कर्म प्रक्रतियां जो १४६ हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वातिपूर्व – Poorvaatipoorva. Synonym of shrutgyan ( scriptual knowledge). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वांग – Poorvaanga. A particular long time period. काल का एक प्रमाण विशेष ” 84 लाख वर्ष प्रमाण काल “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व – Prakrti Sattva. Attachment of karmas with soul. अपनी स्थिति के अनुसार कर्म प्रक्रति के कर्म प्रदेशों का आत्मा प्रदेशों के साथ संलग्न रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व स्पर्धक – Poorva Spardhaka. Group of veriform with variated fruitional intencity of Karmic nature in wordly state. संसार अवस्था में देशघाति व सर्वघाति प्रकृतियों का जघन्य से उत्कृष्ट पर्यत्न अनुभाग रहता है, उससे युक्त स्पर्द्धक पूर्वस्पर्धक कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति संक्रम योग्य – Prakrti Samkrama yogya. Karmic natures capable of transition. संक्रमण होने योग्य कर्म प्रक्रतियां “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व स्थिति – Poorvasthiti. First state of Karmas. कर्मों की पहली स्थिति; अंतःकरण के द्वारा निषेकों की पंक्ति दो भागों में विभाजित हो जाती है पूर्व स्थिति और उपरितन स्थिति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति संक्रमण – Prakrti Samkramana. Transition of karmic species. कर्म की १० अवस्थाओं में एक अवस्था; बंधरूप प्रक्रति का अन्यरूप परिणमन होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व समास – Poorva Samaasa. A type of scriptual knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान का अंतिम 20 वां भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वविदेह – Poorvavideha. The regien in the east of Sumeru mountain (the eastern part of Videh Kshetra region). सुमेरु पर्वत की पूर्व दिशा में स्थित कच्छादि 16 क्षेत्रों को पूर्व विदेह कहते हैं “